अक्षय तृतीया अबूझ मुहूर्त
होता है। यही इस दिन का सबसे बड़ा महत्व हे। अबूझ मुहूर्त मतबल बिना पांचाग देखे आप कोई भी काम कर सकते हैं।
यही कारण है कि इस दिन बड़ी संख्या में मांगलिक कार्य होते हैं। शादी-ब्याह केलिए मुहूर्त देकने की ज़रूरत नहीं हे। इसलिए अक्षय तृतीया के दिन शादी - विवाह के आयोजन काफी संख्या में होते हैं।
अक्षय तृतीया का सर्व सिद्ध मुहूर्त के रूप में विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य जैसे विवाह कर सकता हे।
अक्षय तृतीया के दिन गुड्डा-गडिय़ा का विवाह
कई जगह छोटे बच्चे भी पूरी रीति-रिवाज के साथ अपने गुड्डा-गुडय़ा का विवाह भी रचाते हैं। इस प्रकार गाँवों में बच्चे सामाजिक कार्य व्यवहारों को स्वयं सीखते व आत्मसात करते हैं। कई जगह तो परिवार के साथ-साथ पूरा गांव भी बच्चों द्वारा रचे गए वैवाहिक कार्यक्रमों में शामिल होता है।
अक्षय तृतीया का सर्व सिद्ध मुहूर्त के रूप में विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य जैसे विवाह कर सकता हे।
अक्षय तृतीया के दिन गुड्डा-गडिय़ा का विवाह
कई जगह छोटे बच्चे भी पूरी रीति-रिवाज के साथ अपने गुड्डा-गुडय़ा का विवाह भी रचाते हैं। इस प्रकार गाँवों में बच्चे सामाजिक कार्य व्यवहारों को स्वयं सीखते व आत्मसात करते हैं। कई जगह तो परिवार के साथ-साथ पूरा गांव भी बच्चों द्वारा रचे गए वैवाहिक कार्यक्रमों में शामिल होता है।