कृष्णा के १०८ नाम हर बुधवार को जप करना चाहिए। प्रातः काल उठकर धूप, दीप, नैवेद्य से कृष्णा भगवान की पूजा करें और भोग लगाएं।श्री कृष्ण की आरती करें। इसके बाद कृष्णा के १०८ नाम का जप करना चाहिए।
कृष्ण भक्ति से ही ज्ञान और वैराग्य प्राप्त होता है और दुखों से मुक्ति भी मिलती है।
भगवान कृष्ण के १०८ नाम का जाप करने से आपको अश्वमेध यज्ञ करने के बराबर फल की प्राप्ति होगी।
१०८ नाम जप करते वक्त श्री कृष्ण को तुलसी अर्पित करें।
१०८ कृष्णा नाम जप करने के फायदे
भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना करने से मनुष्य पापों से मुक्त हो जाता है।कृष्ण भक्ति से ही ज्ञान और वैराग्य प्राप्त होता है और दुखों से मुक्ति भी मिलती है।
भगवान कृष्ण के १०८ नाम का जाप करने से आपको अश्वमेध यज्ञ करने के बराबर फल की प्राप्ति होगी।
१०८ नाम जप करते वक्त श्री कृष्ण को तुलसी अर्पित करें।
कृष्णा के १०८ नाम
हर नाम को ॐसे शुरू करना चाहिए।- कन्हैया,
- कृष्ण,
- केशव,
- चक्रधारी,
- नंदलाल,
- माधो,
- श्याम-सुन्दर,
- मुरारी,
- राधावर,
- बन्सी बजैया,
- हरी
- रघुबीर,
- नटवर,
- नन्दन,
- गजाधर,
- अमर,
- अजर,
- अविनाशी,
- नरोत्तम,
- अर्जुन-सखा,
- सांवरिया,
- सांवला,
- गोपाल,
- दामोदर,
- बृजनाथ,
- दयालु,
- दीनबंधु,
- जगदीश,
- दीनानाथ,
- जगत पिता,
- वामन,
- यशोदालाल,
- नारायण,
- बिहारी,
- मदनमोहन,
- कृपानिधि,
- सर्वरक्षक,
- ईश्वर,
- सर्वशक्तिमान,
- सर्व व्यापक,
- मन हरन,
- बांकेबिहारी,
- गोपानाथ,
- बृजवल्लभ,
- गोवर्धनधारी,
- घनश्याम,
- परमानन्द,
- पतितपावन,
- ज्योतिस्वरूप,
- राधारमण,
- माधव,
- मधुसूदन,
- रघुपति,
- रणछोड़
- मुरली मनोहर,
- श्याम,
- कल्याणकारी,
- अनन्त,
- परमपिता,
- प्रभु,
- परम पवित्र,
- गोसाईं,
- भगत वत्सल,
- वसुदेव,
- परमात्मा,
- मनोहर
- दुखहरता,
- विधाता,
- निरंजन,
- काली नाग नथैया,
- अभय,
- अन्तर्यामी,
- सर्वाधार,
- अद्वैत,
- घट घट के वासी,
- दीनानाथ,
- दाता,
- माखनचोर
- परमेश्वर,
- रमणीक,
- निराकार,
- निरविकार,
- अच्युत,
- न्यायकारी,
- बालगोपाल
- जगतकर्ता,
- त्रिभुवननाथ,
- शंकर,
- विष्णु,
- सत्यनारायण,
- ज्योति स्वरूप,
- रसिक बिहारी,
- ब्रह्म,
- संहरता,
- पालन करता,
- सतचित आनंद स्वरूप,
- केशव,
- गोपीवल्लभ,
- राधेश्याम,
- सत्य स्वरूप,
- आनंद दाता,
- दयालु,
- विट्ठल
- कल्याणकारी,
- विश्वकर्ता,
- परमानन्द,
- गोपाल
- स्वामिन।