माता सरस्वती हिंदू धर्म की विद्या और सद्बुद्धि की देवी हैं। सरस्वती देवी को विद्या की अधिष्ठात्री देवी मानी गई हैं। परीक्षा और स्टडी में स्टूडेंट्स को जो भी रूकावट और मुश्किलें आरहीहे सरस्वती मंत्र जप करने से दूर हो जायेगा।
विद्या और ज्ञान पाने केलिए इस मंत्र का उपयोग करना चाहिए।
सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि क्रार्यों से निवृत्त होकर इन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके ही मंत्र का जप करना चाहिए।
पढाई शुरू करने से पहले इस मंत्र का जप करें
विद्या दे मां सरस्वती, सब सुखों की मूल,
दुष्टों से रक्षा करती हाथ में लिए त्रिशुल
विद्या और ज्ञान पाने केलिए इस मंत्र का उपयोग करना चाहिए।
सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि क्रार्यों से निवृत्त होकर इन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके ही मंत्र का जप करना चाहिए।
सरस्वती पूजा मंत्र
श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहापढाई शुरू करने से पहले इस मंत्र का जप करें
विद्या दे मां सरस्वती, सब सुखों की मूल,
दुष्टों से रक्षा करती हाथ में लिए त्रिशुल
याददाश कमजोर हो तो
श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा
रोज़ इस मंत्र का जप करें ७, ११ या १०८ बार
स्टडी में अच्छा करने केलिए
ऐं सरस्वत्यै नमः
अच्छे बुद्धि केलिए
लक्ष्मीर्मेया वरा रिष्टिगौंरी तुष्टिः प्रभा मतिः।
एताभिः पाहि तनुभिरष्टाभिर्मां सरस्वतिः।।
अध्ययन में सफलता हेतु देवी सरस्वती पर चढ़ी हल्दी से पुस्तक पर "ऐं" लिखें।
श्याम को पूजा समय सरस्वै आरती गाना अच्छा है।
मां सरस्वती की आरती
कज्जल पुरित लोचन भारे, स्तन युग शोभित मुक्त हारे |
वीणा पुस्तक रंजित हस्ते, भगवती भारती देवी नमस्ते ॥
वीणा पुस्तक रंजित हस्ते, भगवती भारती देवी नमस्ते ॥
जय सरस्वती माता जय जय हे सरस्वती माता |
सदगुण वैभव शालिनी त्रिभुवन विख्याता ॥ जय.....
सदगुण वैभव शालिनी त्रिभुवन विख्याता ॥ जय.....
चंद्रवदनि पदमासिनी घुति मंगलकारी |
सोहें शुभ हंस सवारी अतुल तेजधारी ॥ जय.....
सोहें शुभ हंस सवारी अतुल तेजधारी ॥ जय.....
बायेँ कर में वीणा दायें कर में माला |
शीश मुकुट मणी सोहें गल मोतियन माला ॥ जय.....
शीश मुकुट मणी सोहें गल मोतियन माला ॥ जय.....
देवी शरण जो आयें उनका उद्धार किया |
पैठी मंथरा दासी रावण संहार किया ॥ जय.....
पैठी मंथरा दासी रावण संहार किया ॥ जय.....
विद्या ज्ञान प्रदायिनी ज्ञान प्रकाश भरो |
मोह और अज्ञान तिमिर का जग से नाश करो ॥ जय.....
मोह और अज्ञान तिमिर का जग से नाश करो ॥ जय.....
धुप दिप फल मेवा माँ स्वीकार करो |
ज्ञानचक्षु दे माता भव से उद्धार करो ॥ जय.....
माँ सरस्वती जी की आरती जो कोई नर गावें |
हितकारी सुखकारी ग्यान भक्ती पावें ॥ जय.....
ज्ञानचक्षु दे माता भव से उद्धार करो ॥ जय.....
माँ सरस्वती जी की आरती जो कोई नर गावें |
हितकारी सुखकारी ग्यान भक्ती पावें ॥ जय.....
जय सरस्वती माता जय जय हे सरस्वती माता |
सदगुण वैभव शालिनी त्रिभुवन विख्याता ॥ जय.....
सदगुण वैभव शालिनी त्रिभुवन विख्याता ॥ जय.....