गरुड़ पुराण के अनुसार नाग मंत्र साधना घर के दोनों ओर नाग की पांच मूर्तियां
खींचकर कर्कोटक, अनन्त, एलापत्र, कालिया व धृतराष्ट्र महानागों का पूजन करने के बाद करना चाहिए।
नाग मंत्र साधना
ॐ नवकुलाय विद्द्हे विषदन्ताय धीमही तन्नो सर्प प्रचोदयात॥
इस मंत्र का १०८ बार जप करना चाहिए।
कैसे करे नाग मंत्र साधना
- घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में काला वस्त्र बिछा लें।
- कच्चे सूत को हल्दी चंदन से रंग कर सात गांठें लगाकर सूत के पांच सांप बनाकर "नाग मंडल" स्थापित करें।
- सुगंधित तेल का दीपक करें।
- चमेली की अगरबत्ती करें।
- रोली, अक्षत व गुलाबी फूल चढ़ाएं।
- दूध, दही, घी, चीनी व शहद से बने पंचामृत नागदेव को अर्पित करें।
- भीगा हुआ बाजरा, घी व गुड़ समर्पित करें और दक्षिणा चढ़ाएं।
- कर्पूर से आरती उतारें।
- १०८ बार नाग मंत्र साधना करें।
- पूजा के बाद भोग किसी पेड़ के नीचे रख दें।