महामृत्युंजय एकमात्र एेसा शिवा मंत्र है जिसे सबसे अधिक प्रभावशाली माना जाता है। बहुत सरे लोगोंको एक संदेह हे की महामृत्युंजय मंत्र जाप संख्या क्या है। शिवपुराण के अनुसार, इस मंत्र का उच्चारण करने से मानव के जीवन मे आने वाली सभी बाधाएं और परेशानियों का अंत होता है।
महाशिवरात्रि, श्रावणी सोमवार, प्रदोष (सोम प्रदोष अधिक शुभ है), मासिक शिवरात्रि (कृष्ण पक्ष चतुर्दशी) पर १००१ बार जप करने से अधिक फल मिलता है।
रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जप करना चाहिए।
जप के लिए साधक को कुश या कंबल के आसन पर पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठना चाहिए।
महामृत्युंजय मंत्र जाप संख्या
दिन में सुबह या प्रदोष काल में महामृत्युंजय मंत्र का १०८ (108) बार जप करना चाहिए। हफ्ते में एक बार कर रहे हो थो सोमवार को करना चाहिए।महाशिवरात्रि, श्रावणी सोमवार, प्रदोष (सोम प्रदोष अधिक शुभ है), मासिक शिवरात्रि (कृष्ण पक्ष चतुर्दशी) पर १००१ बार जप करने से अधिक फल मिलता है।
रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जप करना चाहिए।
जप के लिए साधक को कुश या कंबल के आसन पर पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठना चाहिए।