जो लोग रवि प्रदोष के दिन व्रत रखते हैं, उन पर सदा भगवान शिव व सूर्य देव की कृपा रहती है। इस व्रत को रखने से लोग निरोगी व दीर्घायु होते हैं।
रवि प्रदोष पूजा विधि
- सूर्यादय से पूर्व उठकर स्नान आदि के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद विधिवत भगवान शिव की पूजा करें।
- महादेव की पूजा के दौरान बेलपत्र, दीप, धूप, अक्षत और गंगाजल का इस्तेमाल करें।
- व्रत इस दिन निराहार रहें।
- चूंकि प्रदोष व्रत की पूजा संध्या काल में होती है इसलिए ध्यान रहे सूर्यास्त के बाद दोबारा स्नान करें।
- और उसके उपरांत सफ़ेद कपड़े धारण करें।
- पूजा स्थल को जल छिड़क कर शुद्ध कर लें।
- गाय के गोबर से मंडप तैयार करें और उसमें 5 अलग रंगों से रंगोली तैयार करें।
- इसके बाद ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें और भगवान शिव को जल चढ़ाएं।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा से सेहत से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं।