संतोषी माता की स्तुति। शुक्रवार का दिन
संतोषी माता की
पूजा का दिन
होता है। बहुत से लोग
इस दिन व्रत
भी करते हैं।
जो लोग संतोषी
माता के नाम
का व्रत करते
हैं, उन्हें इस दिन संतोषी माता की स्तुति का पाड़ करना चाहिए।
मैं तो आरती
उतारूँ रे संतोषी
माता की।
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की।
जय जय संतोषी माता जय जय माँ॥
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की।
जय जय संतोषी माता जय जय माँ॥
बड़ी ममता है
बड़ा प्यार माँ
की आँखों में।
माँ की आँखों
में बड़ी करुणा
माया दुलार माँ
की आँखों में।
माँ की आँखों
में। क्यूँ ना
देखूँ मैं बारम्बार
माँ की आँखों
में।
दिखे हर घड़ी
नया चमत्कार आँखों
में।
माँ की आँखों
में। नृत्य करो
झूम झूम, छम
छमा छम झूम
झूम,
झांकी निहारो रे॥
मैं तो आरती
उतारूँ रे संतोषी
माता की।
जय जय संतोषी
माता जय जय
माँ।।
सदा होती है
जय जय कार
माँ के मंदिर
में। माँ के
मंदिर में।
नित्त झांझर की
होवे झंकार माँ
के मंदिर में।
माँ के मंदिर
में।
सदा मंजीरे करते
पुकार माँ के
मंदिर में। माँ
के मंदिर में।
वरदान के भरे
हैं भंडार, माँ
के मंदिर में।
माँ के मंदिर
में।
दीप धरो धूप
करूँ, प्रेम सहित
भक्ति करूँ, जीवन
सुधारो रे॥
मैं तो आरती
उतारूँ रे संतोषी
माता की।
जय जय संतोषी
माता जय जय
माँ॥