नवरात्री कलश स्थापना विधि प्रात: काल स्नान करें , लाल परिधान धारण करें। घर के स्वच्छ स्थान - उत्तर पूर्व या पूर्व दिशा पर मिट्टी से वेदी बनाएं। कलश स्थापना करते समाया " ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे" मंत्र का जप करते रहे। पूजा करते समय आप अपना मुंह सूर्योदय की ओर रखें। वेदी में जौ और गेहूं दोनों बीज दें। एक मिट्टी या किसी धातु के कलश पर रोली से स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं। कलश पर मौली लपेटें। फर्श पर अष्टदल कमल बनाएं। उस पर कलश स्थापित करें। कलश में गंगा जल , चंदन , दूर्वा , पंचामृत , सुपारी , साबुत हल्दी , कुशा , रोली , तिल , चांदी डालें। कलश के मुंह पर 7 आम के पत्ते रखें। उस पर चावल या जौ से भरा कोई पात्र रख दें। एक पानी वाले नारियल पर लाल चुनरी या वस्त्र बांध कर लकड़ी की चौकी या मिट्टी की वेदी पर स्थापित कर दें। नारियल का मुख सदा साधक की ओर होना चाहिए। इसके बाद गणेश जी का पूजन करें। देसी घी का अखंड दीपक जलाएं। इस दीपक को