दश महाविद्याओं में से छठी महाविद्या श्री छिन्नमस्तिका की पूजा विधि। महाविद्या छिन्नमस्ता की पूजा से जीवन की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
छिन्नमस्ता देवी की जयंती के दिन।
स्नान अदि के बाद पूजा घर में दक्षिण-पश्चिम मुखी होकर नीले रंग के आसन पर बैठे।
अपने सामने लकड़ी के पट्टे पर नीला वस्त्र बिछाकर उस पर छिन्नमस्ता यंत्र स्थापित करें।
दाएं हाथ में जल लेकर संकल्प करें तत्पश्चात हाथ जोड़कर छिन्नमस्ता देवी का ध्यान करें।
यस्या: स्मरण मात्रेण सदाशिवो भवेन्नर:।।
छिन्नमस्ता देवी पूजा कब करें
शनिवार को शाम के समय प्रदोषकाल में पूजा करना चाहिए।छिन्नमस्ता देवी की जयंती के दिन।
छिन्नमस्ता देवी पूजा विधि
अपने सामने लकड़ी के पट्टे पर नीला वस्त्र बिछाकर उस पर छिन्नमस्ता यंत्र स्थापित करें।
दाएं हाथ में जल लेकर संकल्प करें तत्पश्चात हाथ जोड़कर छिन्नमस्ता देवी का ध्यान करें।
छिन्नमस्ता देवी ध्यान मंत्र
प्रचण्ड चण्डिकां वक्ष्ये सर्वकाम फलप्रदाम्।यस्या: स्मरण मात्रेण सदाशिवो भवेन्नर:।।
छिन्नमस्ता देवी पूजा
- सरसों के तेल में नील मिलाकर दीपक करें।
- देवी पर नीले फूल (मन्दाकिनी अथवा सदाबहार) चढ़ाएं। नीले फूल नहीं हे तो लाल या सफेद फूल का इस्तेमाल करना चाहिए।
- देवी पर सुरमे से तिलक करें।
- लोहबान से धूप करें और इत्र अर्पित करें।
- उड़द से बने मिष्ठान का भोग लगाएं।
- तत्पश्चात बाएं हाथ में काले नमक की डली लेकर दाएं हाथ से अष्टमुखी रुद्राक्ष माला से देवी के मंत्र का १०८ बार जाप करें।
छिन्नमस्ता देवी मंत्र
श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनीयै हूं हूं फट स्वाहा:- जाप पूरा होने के बाद काले नमक की डली को बरगद के नीचे गाड़ दें।
- बची हुई नेचुरल सामग्री को जल प्रवाह कर दें।
- प्लास्टिक का इस्तेमाल पूजा में नहीं करें।
छिन्नमस्ता देवी पूजा से लाभ
- महाविद्या छिन्नमस्ता की साधना से जीवन की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
- छिन्नमस्ता देवी की स्मरण मात्र से ही नर सदाशिव हो जाता है तथा पुत्र, धन, और दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है।
- इस साधना से शत्रुओं का तुरंत नाश होता है।
- रोजगार में सफलता मिलती है।
- नौकरी में प्रमोशन मिलती है।
- कोर्ट कचहरी वाद-विवाद व मुकदमों में सफलता मिलती है।