छिन्नमस्ता देवी दस महाविद्याओं में से एक हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूरी श्रद्धा से छिन्नमस्ता देवी के
मंत्रों का जाप किया जाए तो किसी भी तरह की सिद्धि प्राप्त की जा सकती है।
छिन्नमस्ता मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनीये ह्रीं ह्रीं फट् स्वाहा।- देवी छिन्नमस्ता का यह सात अक्षरों का मंत्र हे।
- इस मंत्र को १००१ एक बार जाप करने का विधान है।
- इस मंत्र का जप करने से सर्वसिद्धि को पूर्ण करने वाली माता छिन्नमस्ता का दया और ममता का पार्थ हो जायेंगे।
- अपने सच्चे भक्तोँकी दुश्मनो का संहार करती हैं
छिन्नमस्ता यन्त्र |
छिन्नमस्ता - साधना - यन्त्र
- छिन्नमस्ता देवी की साधना शनिवार को करना चाहिए।
- साल में छिन्नमस्ता देवी के जयंती पर विशेष साधना करना चाहिए. छिन्नमस्ता देवी सात अक्षर वाला मंत्र इस दिन चार लाख बार जाप करने का विधान है।
- छिन्नमस्ता का साधना मां के यंत्र की स्थापना करके करना चाहिए।
- छिन्नमस्ता देवी कके धातु से बने यंत्र को घर या दुकान में स्थापित करना चाहिए।
- पूजा से पहले यंत्र को तांबे के पात्र में रखकर घी से स्नान करना चाहिए।
- फिर उसके ऊपर दूध की धारा डालें।
- इसके बाद जल की धारा डालें।
- फिर साफ कपड़े से यंत्र को पोंछकर लाल पुष्पों के ऊपर स्थापित करें।
- इसके बाद विधि-पूर्वक यंत्र की पूजा आदि करें।
- छिन्नमस्ता देवी का ध्यान करें।
- फिर देवी मां के विशेष मंत्र का १००१ बार जाप करें।
इसी विषय पर