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Showing posts from May, 2017

दूध उबल कर बाहर गिरना अच्छा नहीं हे हिन्दू धर्म के विश्वास

हिन्दू धर्म का मानना हे की दूध उबल कर बाहर गिरना नहीं चाहिए।  रसोई में अन्न की देवी अन्नपूर्णा और धन की देवी लक्ष्मी एकसाथ वास करती हैं। दूध से घर में सुख और संपन्नता देखी जाती है। दूध उबल कर बाहर गिरने से व्यक्ति मनोविकास से पीड़ित हो सकता है। व्यक्ति के पारिवारिक जीवन में उथल-पुथल की संभावना बढ़ती है। रिश्तेदारों में मतभेद होते हैं। पैसों का अक्समात खर्च होता है। घर के लोग बीमार रहने लगते हैं और घरेलू जीवन में संधि विच्छेद की संभावना बढ़ती है।

वडवानल स्तोत्र - ध्यान - विनियोग - विधि

हनुमद वडवानल स्तोत्र   की रचना   रावण के भाई श्री विभीषण ने किया हे।   इस शक्तिशाली स्तोत्र के पाठ से व्यक्ति  सुरक्षित महसूस करता है  और  अपितु उसकी अभीष्ठ इच्छा की भी पूर्ति होती है।  वडवानल स्तोत्र का ध्यान, विनियोग और विधि निचे पढ़िए।   वडवानल स्तोत्र  विधि  सरसों के तेल का दीपक जलाकर 108 पाठ नित्य 41 दिन तक करने पर सभी बाधाओं का शमन होकर अभीष्ट कार्य की सिद्धि होती है। विनियोग ॐ अस्य श्री हनुमान् वडवानल - स्तोत्र मन्त्रस्य   श्रीरामचन्द्र ऋषि :,   श्रीहनुमान्   वडवानल देवता , ह्रां बीजम् , ह्रीं शक्तिं , सौं कीलकं , मम समस्त विघ्न - दोष निवारणार्थे ,   सर्व - शत्रुक्षयार्थे   सकल - राज - कुल - संमोहनार्थे , मम समस्त - रोग प्रशमनार्थम् आयुरारोग्यैश्वर्याऽभिवृद्धयर्थं समस्त - पाप - क्षयार्थं श्रीसीतारामचन्द्र - प्रीत्यर्थं च हनुमद् वडवानल - स्तोत्र जपमहं करिष्ये । ध्यान मनोजवं मारुत - तुल्य - वेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं । वातात्मजं वानर - यूथ - मुख्यं श्रीरामदूतम् शरणं

सुपारी धन लाभ और सौभाग्य की सूचक

हिन्दू धर्म के सभी देवी - देवताओं को सुपारी बहुत प्रिय है।  विशेषकर गणेश जी और मां लक्ष्मी।  सुपारी धन लाभ और  सौभाग्य की सूचक है।   सुपारी को तिजोरी में रखने से कभी भी धन की कमी नहीं होगा।   लक्ष्मी पूजा के बाद सुपारी पर लाल धागा लपेट कर उसका अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि से पूजन करके उसे तिजोरी में रखें।  सुपारी को गौरी-गणेश का स्वरूप मान उस पर जनेऊ अर्पित करते हे।   कारोबार में  और पढ़ाई में उन्नति केलिए शनिवार की रात एक सुपारी को पीपल के पेड़ के नीचे रख दें।

मेष राशि मंत्र

मेष   राशि   में   जन्मे   व्यक्ति   को    मुश्किल   समय   से   बचने   केलिए   और   उससे   छुटकारा   पाने   केलिए   अपना   राशि   मंत्र   पढ़ना   चाहिए।   राशि   अनुसार   मंत्रों   का   जाप   करने   से   बहुत   सारी   मुश्किलें   हल   हो   सकती   हैं   अौर   खुशहाल   जीवन   यापन   किया   जा   सकता   है। मेष राशि मंत्र ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीनारायण नम : इस   मंत्र को सुबह श्याम ११ बार   पड़ना चाहिए।   

धन की प्राप्ति केलिए ७ सरल उपाय

हिन्दू धर्म के ग्रंथों में धन की प्राप्ति केलिए ये ७ सरल उपाय करना चाहिए।   तिजोरी में शंख रखें। अमावस्या के दिन पीपल पर जल चढ़ाने व दीया जलाने से घर में धन की कमी नहीं होती। घर में झाडू ऐसे स्थान पर रखें जहां किसी का ध्यान न जाएं। उस पर पैर लगना अशुभ माना जाता है जिससे मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। घर को साफ- सुथरा रखने से लक्ष्मी मां का निवास स्थिर रहता है। घर के मंदिर में हल्दी की गांठ अौर कमल गट्टे की माला रखने से धन में वृद्धि होती है। रात को रसोई घर के सारे बर्तन साफ करके सोएं। ऐसा न करने से लक्ष्मी मां रुष्ट हो जाती हैं। घर में बनी प्रथम रोटी गाय को अौर अंतिम रोटी कुत्ते को खिलाने से धन-समृद्धि आती है।

नहाते समय करें इस मंत्र का जप

शास्त्रों में बताया गया है कि स्नान करते समय भी हमें मंत्रों का जाप करना चाहिए।   नहाते   समय   करें   इस   मंत्र   का   जप।    गंगे   च   यमुने   चैव   गोदावरी   सरस्वति।   नर्मदे   सिन्धु   कावेरी   जलऽस्मिन्सन्निधिं   कुरु।। यदि व्यक्ति नदी में स्नान कर रहा है तो उसे पानी पर ऊँ लिखकर उसमें तुरंत डुबकी लगा देनी चाहिए।   इस मंत्र की जप करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती हे।   इसके साथ ही पापों से भी मुक्ति मिलती थी।

हनुमान जी को तिल के तेल अर्पित करते समय का मंत्र

हनुमान   जी   को   तिल   के   तेल अर्पित करते समय इस मंत्र का पद करें।  सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यसुखवर्द्धनम्। शुभदं चैव माङ्गल्यं सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्।। हनुमान जी को तिल के तेल में सिंदूर मिलाकर चोला चढ़ाएं।  शनि दोष निवारण केलिया एक अच्छा उपाय हे 

जीवन की मुश्किलों को दूर करने का उपाय और मंत्र

जीवन की मुश्किलों को दूर करने के लिए हनुमान जी की प्रतिमा के सामने चमेली के तेल की पांच बत्तियों वाला दीपक जलाकर इस मंत्र का उच्चारण करें - साज्यं च वर्तिसं युक्त वह्निनां योजितं मया। दीपं गृहाण देवेश प्रसीद परमेश्वर। हनुमान जी की प्रतिमा के सामने 108 बार ऊँ रामाय नम:, श्री राम या सीताराम का जाप करने से हनुमान जी खुश होते हैं। इससे जीवन की मुश्किलें दूर होती हे।  

घर में शांति स्थापित करने अौर कलह को दूर करने का हनुमान जी उपाय

घर में शांति स्थापित करने अौर कलह को दूर करने केलिए दिन में सुबह और श्याम को हनुमान जी का प्रार्थना और पूजा करना चाहिए।  इसके साथ साथ ये उपाय भी करें। एक लाल चंदन में केसर मिलाकर हनुमान जी की प्रतिमा पर लगाएं। दूसरा उपाय नारियल अथवा गुड़ के बने लड्डूअों का भोग हनुमा जी को अर्पित करें और उसके बाद ये प्रसाद घर के सरे सदसयों में बाटे। तीसरा उपाय हनुमान जी को लाल, पीले फूल जैसे- गुलाब, कमल, गेंदा, सूर्यमुखी अर्पित करने से  घर में शांति स्थापित आता हे अौर कलह को दूर रख सकते हे।

मानसिक शांति केलिए हनुमान उपाय

मानसिक शांति और परेशानियों से राहत मिलने केलिए हनुमान जी की मूर्ति के सामने ये उपाय करें। शाम को पांच बजे के बाद एक नारियल को हनुमान प्रतिमा के सामने अपने सिर पर सात बार वार कर फोड़ दें। बहुत सरे लोकों का मानना हे की इसका अच्छा फल मिलता हे। दूसरा उपाय सूरज ढलने के बाद इच्छा पूर्ति केलिए सिंदूर लगे नारियल पर मौली लपेटकर हनुमान जी के चरणों में चढ़ाते समय हनुमान चालीसा की एक चौपाई का जाप करें।

हिन्दू धर्म के अनुसार मंगलवार के दिन क्या न करें

हिन्दू धर्म के अनुसार मंगलवार के दिन निचे दिए ४ चीज़ों को कभी न करें। घर में मंगलवार के दिन मांसाहारी चीजों को न पकाएं। मंगलवार के दिन धार वाली चीजों को न खरीदें। बालों को न कटवाएं। नेल कटर का इस्तेमाल न करें।  

संकटनाशन गणेश स्तोत्र

संकटनाशन गणेश स्तोत्र के पाठ से सारी मुश्किलें दूर होकर सुख-समृद्धि‍ आती है। इस  स्तोत्र  से गणेश जी की पूजा करने से विद्या, धन, स्वास्थ्य और सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। संकटनाशन गणेश स्तोत्र श्री नारद पुराण के भाग हे। प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम् । भक्तावासं स्मेर नित्यमाय्ः कामार्थसिद्धये ॥1॥ प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम् । तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववत्रं चतुर्थकम् ॥2॥ लंबोदरं पंचम च पष्ठं विकटमेव च । सप्तमं विघ्नराजेंद्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम् ॥3॥ नवमं भाल चंद्रं च दशमं तु विनायकम् । एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजानन् ॥4॥ द्वादशैतानि नामानि त्रिसंघ्यंयः पठेन्नरः । न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो ॥5॥ विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् । पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मो क्षार्थी लभते गतिम् ॥6॥ जपेद्णपतिस्तोत्रं षडिभर्मासैः फलं लभते । संवत्सरेण सिद्धिंच लभते नात्र संशयः ॥7॥ अष्टभ्यो ब्राह्मणे भ्यश्र्च लिखित्वा फलं लभते । तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः ॥8॥ ॥ इति श्री नारद पुराणे संकष्टनाशनं नाम श्री गणपति स्तोत्रं स

शीतला माता की आरती

शीतला माता की आरती को पड़ने से शारीरक कष्ट दूर हो जाते है।  इस आरती को सुबह और श्याम पड़ना चाहिए।   जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता, आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता। जय शीतला माता...  रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भ्राता, ऋद्धि-सिद्धि चंवर ढुलावें, जगमग छवि छाता। जय शीतला माता...  विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता, वेद पुराण बरणत पार नहीं पाता । जय शीतला माता...  इन्द्र मृदंग बजावत चन्द्र वीणा हाथा, सूरज ताल बजाते नारद मुनि गाता। जय शीतला माता...  घंटा शंख शहनाई बाजै मन भाता, करै भक्त जन आरति लखि लखि हरहाता। जय शीतला माता... ब्रह्म रूप वरदानी तुही तीन काल ज्ञाता,  भक्तन को सुख देनौ मातु पिता भ्राता। जय शीतला माता...  जो भी ध्यान लगावें प्रेम भक्ति लाता, सकल मनोरथ पावे भवनिधि तर जाता। जय शीतला माता...  रोगन से जो पीड़ित कोई शरण तेरी आता, कोढ़ी पावे निर्मल काया अन्ध नेत्र पाता। जय शीतला माता...  बांझ पुत्र को पावे दारिद कट जाता, ताको भजै जो नाहीं सिर धुनि पछिताता। जय शीतला माता...  शीतल करती जननी तू ही है जग त्राता, उत्पत्ति व्याधि विनाशत तू स