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Showing posts from July, 2018

मनचाही जॉब मिलने का गणेश मंत्र

मनचाही जॉब मिलने में दिक्कत आ रही हो तो गणेश जी का पूजा और मंत्र का जप करना चाहिए।  साबुत हल्दी को घिसकर पेस्ट बना कर कटोरी में निकाल लें। मंत्र जप करने से पहले दीपक जलाये और लाल रंग के फूल चढ़ाएं।  साबुत हल्दी पेस्ट भगवान गणेश को तिलक करें।   फिर स्वयं के मस्तक पर तिलक लगाएं। जो पेस्ट बच जाए, हर रोज उसे अपने ललाट पर लगाएं। चतुर्थी के दिन  श्री गणेश को गाय के घी का दीपक अर्पित करें और छोटी इलायची का भोग लगाएं। गणेश जी का कपूर से आरती उतारें मनचाही जॉब मिलने का गणेश मंत्र  ‘ऊँ विघ्नेश्वराय नमः मंत्र १०८ बार हर दिन सुबह करना चाहिए। 

इनकम बढ़ाने का गणेश मंत्र और पूजा

इनकम बढ़ाने केलिए गणेश जी के इस मंत्र का जाप १०८ बार करें। इनकम बढ़ाने का गणेश मंत्र ‘ऊँ गं गणपतये नमः’ इनकम बढ़ाने का गणेश पूजा  गणेश जी का मूर्ति या पेंटिंग को उत्तर दिशा में रखे।   आप उत्तर दिशा की और देख कर पूजा करें।  शुद्ध घी का दीपक जलाये।   लाल पुशप चढ़ाये।   धुप या अगरबत्ती जलाये।   जो फल मौसम में मिलता हे उसका भोग चढ़ाये।  इसे बाद मंत्र का जप करें  मंत्र के बाद गणेश जी का कपूर से आरती उतारें। महीने के २ चतुर्थी तिथि को गाय व हाथी  को हरा घास चढ़ाये।  

रोग मुक्त केलिए गणेश जी का मंत्र और पूजा

रोग मुक्त और स्वास्थ्य लाभ केलिए गणेश जी का मंत्र और पूजा बहुत फलदायी हे। सुबह गणेशजी की मूर्ति को उत्तर दिशा में स्थाप्ति करें।  मूर्ति के आगे घी का दीपक जला कर 'ऊँ ह्रीं ग्रीं हीं' मंत्र की प्रतिदिन १०८ बार जप करें।  ये जप करने से व्यक्ति रोग मुक्त होकर शीघ्र ही आरोग्यता प्राप्त करता है। इस के अलावा हर चतुर्थी तिथि को पूजा करने के बाद 21 लड्डुओं का भोग लगा कर गरीबों में बांट दें। क्लेश दूर करने केलिए  गणेशजी की की मूर्ति पर जल व पुष्प चढ़ाकर घी का दीपक जलाये।  इस के बाद  'ऊँ विघ्न विनाशिन्यै नम:' मंत्र १०८ बार जप करने से शीघ्र क्लेश दूर हो जायेंगे। Related वडवानल स्तोत्र  - ध्यान - विनियोग - विधि

अंगारकी संकष्टी चतुर्थी - मंत्र और पूजा

अंगारकी संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश जी को समर्पित हे।  महीने का संकष्टी चतुर्थी जब मंगलवार को पड़ता हे तोह इसे अंगारकी संकष्टी चतुर्थी कहते हे।  २०१८ में अंगारकी संकष्टी जुलाई ३१ और दिसंबर ३१ को हे। अंगारकी अग्नि से जुड़ा हुआ हे। बुद्धि और ज्ञान के देवता गणपति महाराज को प्रसन्न करने का ये सबसे बड़ा दिन है। इस दिन व्रत रख कर और खास पूजन व उपायों से बप्पा को प्रसन्न किया जा सकता है। अंगारकी संकष्टी चतुर्थी मंत्र ॐ   चन्द्रचूड़ामण्ये   नमः सुख की कामना है तो  'इदं अक्षतम् ऊं गं गणपतये नमः'  मंत्र बोलते हुए गणेशजी को सूखे चावल चढ़ाएं। पैसे की दिक्कत दूर करने पैसे की दिक्कत दूर करने के लिए शमी के कुछ पत्ते अंगारकी संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी को चढ़ाने चाहिए। प्रमोशन श्री गणाधिपतयै नमः इस मंत्र का जाप अंगारकी संकष्टी चतुर्थी के दिन करने से प्रमोशन के योग बनते हैं। आर्थिक समस्या को दूर करने के लिए बप्पा को दूर्वा उनके मस्तक पर रखें। जो व्यक्ति गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ अंगारकी संकष्टी चतुर्थी के दिन करता है इ...

मंगला गौरी व्रत - सावन मंगला गौरी व्रत महिमा

मंगला गौरी व्रत खासतौर पर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और बिहार में प्रचलित है। सावन माह के हर मंगलवार को देवी पार्वती का पूजन मंगला गौरी व्रत से किया जाता है।  यह व्रत अविवाहित कन्याएं पूरे योग के साथ करती हे  तो शादी जल्दी तय हो जाएँगी। उन अचे पति मिलेंगे।  विवाहित औरतें इस मंगला गौरी व्रत को पति की लंबी उम्र व सेहत के लिए रखती हैं। गणेश जी की पूजा-अर्चना  इस व्रत को रखने के लिए सावन के हर मंगलवार को सुबह जल्दी उठ कर नाहा ने के बाद गणेश जी को मन में प्रार्थना करना चाहिए। शिवलिंग का पूजन १०८ बार ॐ नमः शिवाय मंत्र का जप करें।  जल, बिल्व पत्र, फलादि सहित शिवलिंग का पूजन करना चाहिए। मंगला गौरी व्रत नए कपड़े पहन कर मां मंगला गौरी  (देवी पार्वती ) के चित्र या मूर्ति को उत्तर दिशा में रखकर विधिवत पूजा करनी चाहिए। लाल कपड़े पर मंगला गौरी  के चित्र रखकर पूजन करें। चंदन, सिंदूर, हल्दी,चावल, मेहंदी, काजल, पुष्प चढ़ाएं। मंगला गौरी पूजा में 16 की संख्या का बहुत महत्व है।  ...

पानी में दूध व काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक के लाभ

पानी में दूध व काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करने से घर के किसी सदस्य को असाध्य बीमारी जल्दी ठीक होजाएंगे।  यही सबसे बड़ा लाभ है।  परिवार का कोई भी सदस्य द्वारा यह उपाय किया जा सकता है। पानी में दूध व काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक कैसे करें  किसी सोमवार को पानी में दूध व काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें। सुबह या प्रदोष कल में ये अभिषेक करें। अभिषेक के लिए तांबे के बर्तन का ही उपयोग करें। अभिषेक करते समय 'ॐ जूं स:' मंत्र का जाप करें। इसके बाद भगवान शिव से रोग निवारण के लिए प्रार्थना करें।  इसके बाद १०८ बार महामृत्युंजय का पाठ करें। महामृत्युंजय मंत्र  ॐ   त्र्यम्बकं   यजामहे   सुगन्धिं   पुष्टिवर्धनम् ‌ उर्वारुकमिव   बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय   मामृतात् ‌

हनुमान मंत्र जप फॉर सक्सेस

हनुमान मंत्र जप से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। जो व्यक्ति प्रोफेशनल सक्सेस और जॉब सक्सेस चाहता है उसे हनुमान जी का ये मंत्र का जप करना चाहिए। शक्ति और सिद्धि की कामना को पूरी करने के लिए हनुमान जी मंत्र जप करना चाहिए।  हनुमान मंत्र जप फॉर सक्सेस  ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमित विक्रमाय प्रकटपराक्रमाय महाबलाय सूर्य कोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा। हनुमान मंत्र फॉर क्सेस कैसे करें  - हनुमान मंत्र विधि  इस मंत्र को हर सुबह ७ बार जप करना चाहिए।   नहाने के बाद हनुमान जी की पूजा उत्तर मुखी होकर दीप जलाकर करें।  गुग्गल धूप जलाये।   सिन्दूर, गंध, अक्षत, लाल फूल, और एक केले का वेद्य चढ़ाकर समाप्तः करें। पूजा के बाद लाल आसन पर बैठकर मंत्र का जप करें।  मंगलवार को इस मंत्र का १०८ बार जप करना चाहिए।  

महा लक्ष्मी को प्रसन करने के उपाय

धन से संबंधित किसी भी तरह की परेशानी से आपको रूबरू होना पड़ रहा है तो सोमवार को महालक्ष्मी का पूजन करें। महा लक्ष्मी को प्रसन करने के उपाय पांच तरह के प्रसाद पहले महालक्ष्मी को चढ़ाएं फिर खुद भी खाएं और परिवार के सभी सदस्यों को भी खिलाएं। ऐसा करने से घर में बरसने लगेगा धन। मां लक्ष्मी दोनों हाथों से खजाना लुटाएंगी। आपकी धन-दौलत से जुड़ी समस्त मनोकामनाओं को पूरे होने का वरदान दे देंगी। बताशा पान जल स‌िंघारा खीर मखाने

चंद्र दोष के उपाय

शास्त्रों में चन्द्रमा को भगवान शिव  के मस्तक पर स्थान प्राप्त है।  देवी पारवती को भू चन्द्र स्वरूप के कुंद पुष्प की ख्याती प्राप्त है।  माँ पारवती और शिव दोनों चन्द्रमा से प्रेरित हैं। चंद्र दोष के उपाय शिव पारवती से जुडी हे।  चन्द्रमा को दूध और चावल से बनी खीर शास्त्रों में भोजन में खाने और भगवान को अर्पित करने हेतु सर्वश्रेष्ठ माना गया है। चावल को शास्त्रों में अक्षित कहा गया है।  अर्थात जिसका कभी क्षय नहीं होता।  गाय के दूध को शास्त्रों में अमृत कहा गया है क्योंकि गाय में 35 कोटी देवी-देवता विराजते हैं। दूध और चावल से बनी खीर शुद्ध रूप से अमृत है तथा इसी को शास्त्रों ने क्षीर सागर कहा है। यह वो स्थान है जहां भगवान नारायण विराजित रहते हैं। खीर का शिवलिंग पर अभिषेक करने से तथा देवी गौरी पर प्रसाद रूप में अर्पण करने से चन्द्रमा से संबंधित दोष शांत होते हैं। मानसिक सुख-शांति रहती है घर-परिवार में प्रेम और सौहार्द का वातावरण बनता है तथा संचित धन में वृद्धि होती है। सोमवार के दिन अक्षत और दूध के गाय में बनी खीर शिव...

सावन सोमवार व्रत कथा - श्रावण सोमवार को पड़ने वाला व्रत कथा

हिन्दू पुराणों और धर्मग्रंथों में भगवान शिव की पूजा के लिए सावन के महीना अत्याधिक महत्व है। श्रावण महीने में देवी पार्वती ने शिव की घोर तपस्या की थी और शिव ने उन्हें दर्शन भी इसी माह में दिए थे। सवान सोमवार व्रत कथा निचे पढ़िए। भगवान शंकर ने स्वयं सनतकुमारों को सावन महीने की महिमा बताई है। बारह महीनों में विशेष है श्रावण मास, इसमें शिव की पूजा करने से प्रायः सभी देवताओं की पूजा का फल मिल जाता है। सवान सोमवार व्रत कथा  एक बार सावन के महीने में अनेक ऋषि क्षिप्रा नदी में स्नान कर उज्जैन के महाकाल शिव की अर्चना करने हेतु एकत्र हुए। वहां अभिमानी वेश्या भी अपने कुत्सित विचारों से ऋषियों को धर्मभ्रष्ट करने चल पड़ी। किंतु वहां पहुंचने पर ऋषियों के तपबल के प्रभाव से उसके शरीर की सुगंध लुप्त हो गई। वह आश्चर्यचकित होकर अपने शरीर को देखने लगी। उसे लगा, उसका सौंदर्य भी नष्ट हो गया। उसकी बुद्धि परिवर्तित हो गई। उसका मन विषयों से हट गया और भक्ति मार्ग पर बढ़ने लगा।  उसने अपने पापों के प्रायश्चित हेतु ऋषियों से उपाय पूछा, वे बोले- ‘तुमने सोलह श्रृंगारों के ...

सावन सोमवार व्रत कैसे करे

सावन सोमवार व्रत भगवान शिव को समर्पित है।  मान्यता है कि सावन के महीने में सोमवार को व्रत रखने वाले जातक को मनवांछित जीवनसाथी प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है। निचे पढ़िए सवान सोमवार व्रत कैसे करे। शिवपुराण के अनुसार जिस कामना से कोई सावन सोमवार का व्रत करता है, उसकी वह कामना अवश्य एवं अति शीघ्र पूरी हो जाती है। सावन सोमवार व्रत कैसे करे  सुबह-सुबह जल्दी उठकर पूजा स्थान की सफाई करें। इसके बाद स्नान आदि कर स्वच्छ कपड़े पहनें।   मन में गणेशजी से प्रार्थना करे।  शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल व दूध अर्पित करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें।  इसके बाद घर में आखर भगवान शिव के सामने तिल के तेल का दीया प्रज्ज्वलित करें और फल-फूल अर्पित करें।   ऊं नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान शिव को सुपारी, पंचामृत, नारियल व बेलपत्र चढ़ाएं। सावन सोमवार व्रत कथा का पाठ करें।   पूजा का प्रसाद वितरण करें।   शाम को मीठे से भोजन करे।  अगले दिन भगवान शिव के पूजन...

छिन्नमस्ता देवी पूजा विधि - श्री छिन्नमस्तिका पूजा विधि

दश महाविद्याओं में से छठी महाविद्या श्री छिन्नमस्तिका की पूजा विधि।  महाविद्या छिन्नमस्ता की पूजा से जीवन की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। छिन्नमस्ता देवी पूजा कब करें  शनिवार को शाम के समय प्रदोषकाल में पूजा करना चाहिए। छिन्नमस्ता देवी की जयंती के दिन। छिन्नमस्ता देवी पूजा विधि  स्नान अदि के बाद पूजा घर में दक्षिण-पश्चिम मुखी होकर नीले रंग के आसन पर बैठे। अपने सामने लकड़ी के पट्टे पर नीला वस्त्र बिछाकर उस पर छिन्नमस्ता यंत्र स्थापित करें। दाएं हाथ में जल लेकर संकल्प करें तत्पश्चात हाथ जोड़कर छिन्नमस्ता देवी का ध्यान करें। छिन्नमस्ता देवी ध्यान मंत्र  प्रचण्ड चण्डिकां वक्ष्ये सर्वकाम फलप्रदाम्। यस्या: स्मरण मात्रेण सदाशिवो भवेन्नर:।। छिन्नमस्ता देवी पूजा  सरसों के तेल में नील मिलाकर दीपक करें।  देवी पर नीले फूल (मन्दाकिनी अथवा सदाबहार) चढ़ाएं।  नीले फूल नहीं हे तो लाल या सफेद फूल का इस्तेमाल करना चाहिए।  देवी पर सुरमे से तिलक करें। लोहबान से धूप करें और इत्र अर्पित करें।  उड़द से बने मिष्ठान का भोग लगाएं।...

छिन्नमस्ता देवी महत्व - माँ छिन्नमस्तिका देवी कथा

दश महाविद्याओं में से छठी महाविद्या श्री छिन्नमस्तिका देवी हे।  छिन्नमस्ता का अर्थ है छिन्न मस्तक वाली देवी।  छिन्नमस्ता देवी की स्मरण मात्र से ही नर सदाशिव हो जाता है तथा पुत्र, धन, दीर्घ आयु ,पाण्डित्य आदि दुश्मनो की नाश की प्राप्ति होती है। छिन्नमस्ता देवी कथा  छिन्नमस्ता देवी कथा कालितंत्रम् में लिखा हे।  इस हिन्दू धर्म ग्रन्थ के अनुसार एक समय में देवी पार्वती अपनी सहचरी डाकिनी व  वर्णिनी (कुछ ग्रंथोंमें जाया व विजय नाम दिया हे ) के साथ श्री मन्दाकिनी नदी में स्नान करने गई। वहां डाकिनी व  वर्णिनी कामाग्नि से पीड़ित वह कृष्णवर्ण की हो गई। तदुपरांत डाकिनी व  वर्णिनी ने देवी पार्वती भोजन मांगा क्योंकि वे बहुत भूखी थी। देवी पार्वती  ने उन्हें प्रतीक्षा करने को कहा परंतु सहचरियों ने बार-बार देवी से भोजन की याचना की। उनकी बार बार खाने की मांग सुनकर देवी ने अपनी कटार से अपना सिर छेदन कर दिया, छिन्न सिर देवी के बाएं हाथ पर आ गिरा। उनके कबन्ध से रक्त की तीन धाराएं...

छिन्नमस्ता मंत्र - साधना - यन्त्र

छिन्नमस्ता देवी दस महाविद्याओं में से एक हैं।  ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूरी श्रद्धा से छिन्नमस्ता देवी के मंत्रों का जाप किया जाए तो किसी भी तरह की सिद्धि प्राप्त की जा सकती है। छिन्नमस्ता मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनीये ह्रीं ह्रीं फट् स्वाहा।  देवी छिन्नमस्ता का यह सात अक्षरों का मंत्र हे।   इस मंत्र को १००१ एक बार जाप करने का विधान है।   इस मंत्र का जप करने से सर्वसिद्धि को पूर्ण करने वाली माता छिन्नमस्ता का दया और ममता का पार्थ हो जायेंगे।  अपने सच्चे भक्तोँकी दुश्मनो का संहार करती हैं छिन्नमस्ता यन्त्र  छिन्नमस्ता - साधना - यन्त्र  छिन्नमस्ता देवी की साधना शनिवार को करना चाहिए।   साल में छिन्नमस्ता देवी के जयंती पर विशेष साधना करना चाहिए. छिन्नमस्ता देवी  सात अक्षर वाला मंत्र इस दिन चार लाख बार जाप करने का विधान है।  छिन्नमस्ता का साधना मां के यंत्र की स्थापना करके करना चाहिए।  छिन्नमस्ता देवी कके  धातु से बने यंत्र को घर या दुक...